मात्र 7 सोलर पैनल में चलेगा पूरे दिन-रात Loom Solar 1.5 Ton AC, कमरे को बना देगा शिमला; अभी लगवाने मिलेगी छूट..

गर्मी के मौसम में बिजली का बिल हर किसी के लिए चिंता का कारण बन जाता है. खासकर जब घर में 1.5 टन का AC चलता है, तब बिजली का खर्च और भी बढ़ जाता है. ऐसे में Loom Solar का 1.5 टन सोलर AC एक स्मार्ट और इको-फ्रेंडली विकल्प बनकर सामने आया है. यह AC न सिर्फ बिजली की बचत करता है, बल्कि आपको गर्मी से भी राहत देता है. आइए जानते हैं इस सोलर AC की कीमत, फीचर्स, इंस्टॉलेशन और बाकी सभी जरूरी बातें विस्तार से…

Loom Solar 1.5 Ton AC
Loom Solar 1.5 Ton AC

डिजाइन और टेक्नोलॉजी

Loom Solar 1.5 Ton AC खासतौर पर मिडियम साइज के कमरों, ऑफिस या छोटे कमर्शियल स्पेस के लिए डिजाइन किया गया है. इसमें इन्वर्टर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है, जिससे यह जरूरत के हिसाब से बिजली की खपत करता है. इसका एयर कंप्रेसर वेरिएबल स्पीड पर चलता है, जिससे पावर सेविंग होती है. सोलर पैनल से मिलने वाली बिजली को इन्वर्टर AC आसानी से उपयोग करता है, जिससे ग्रिड पर निर्भरता कम हो जाती है.

पावर और सोलर पैनल की जरूरत

1.5 टन सोलर AC को चलाने के लिए करीब 2500 वाट के सोलर पैनल की जरूरत होती है. आमतौर पर 7-10 सोलर पैनल (प्रत्येक 440-550W) की जरूरत पड़ती है, ताकि AC के साथ-साथ घर के दूसरे उपकरण भी दिन में चल सकें. अगर आप बिना ग्रिड के AC चलाना चाहते हैं, तो 3kW का सोलर सिस्टम लेना बेहतर रहेगा. ऑन-ग्रिड सिस्टम में नेट मीटरिंग की सुविधा भी मिलती है, जिससे अतिरिक्त बिजली सरकार को भेजी जा सकती है.

कीमत और बजट

Loom Solar के 1.5 टन सोलर AC की कीमत लगभग ₹1,39,000 है, जिसमें सोलर पैनल, इन्वर्टर, इंस्टॉलेशन और जरूरी एक्सेसरीज शामिल होती हैं. अगर आप 1kW का ग्रिड कनेक्टेड सोलर AC मॉड्यूल खरीदना चाहते हैं, तो उसकी कीमत ₹99,000 से शुरू होती है, जो 1.5 टन इन्वर्टर AC समेत फ्रिज, टीवी, पंखा और लाइट्स को दिन में चला सकता है. अगर आप बड़ा सिस्टम (जैसे 5kW) लगवाते हैं, तो खर्च 5 लाख रुपये तक जा सकता है, लेकिन इससे आप पूरी तरह बिजली के मामले में आत्मनिर्भर बन सकते हैं.

इंस्टॉलेशन प्रोसेस

  • सबसे पहले रूफटॉप पर सोलर पैनल लगाए जाते हैं, जिनका साइज और संख्या आपके लोड के हिसाब से तय होती है.
  • DC बिजली को AC में बदलने के लिए इन्वर्टर लगाया जाता है.
  • सभी कनेक्शन और वायरिंग प्रोफेशनल्स द्वारा की जाती है, जिससे सेफ्टी और एफिशिएंसी बनी रहे.
  • इंस्टॉलेशन के बाद सिस्टम की टेस्टिंग और यूजर को ऑपरेशन की ट्रेनिंग दी जाती है.

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